चांदनी चौक के आसपास के लोग," नेहरू की जान बचाने वाला बच्चा" के नाम से जानते हैं। चांदनी चौक के आसपास के लोग," नेहरू की जान बचाने वाला बच्चा" के नाम से जानते हैं।
दूसरे दिन हरीश जब स्कूल पहुँचा उसका मन उदास था । रह - रह कर यही ख्याल आता.., पता नहीं औ दूसरे दिन हरीश जब स्कूल पहुँचा उसका मन उदास था । रह - रह कर यही ख्याल आता.., पता...
वह अपनी बेटी से बोहोत प्रेम करता था। उसकी बेटी ही उसके लिए सब कुछ थी। वह अपनी बेटी से बोहोत प्रेम करता था। उसकी बेटी ही उसके लिए सब कुछ थी।
आस-पास खड़े लोगों से कहने लगा "वो देखो वहां भूत है वहां भूत है।" आस-पास खड़े लोगों से कहने लगा "वो देखो वहां भूत है वहां भूत है।"
ये उत्कृष्ट रचना मुंशी प्रेमचंद्र जी की हैं ये उत्कृष्ट रचना मुंशी प्रेमचंद्र जी की हैं
यात्रियों की आंधी ब्रीज पर लेफ्ट-राइट करते हुए फस्ट पोजीशन के लिए उछल-कूद मचाने लगे. यात्रियों की आंधी ब्रीज पर लेफ्ट-राइट करते हुए फस्ट पोजीशन के लिए उछल-कूद मचाने ...